Saturday, March 1, 2008

जो बोएगें वहीं काटेगें

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जब हम दूसरों के पिछवाड़े लठ लिए खड़े रहते हैं तो भूल ही जाते हैं कि हमारा भी पिछवाड़ा है और ऐसे में कोई हमारे पिछवाड़े भी लठधारी खड़ा होनें की बाट जोह रहा है। जब भी उसे मौकां लगेगा वह भी वही सब करेगा जिस का अनुभव हमनें कभी उसे कराया था । जब ऐसा अवसर आता है तब हम उपदेशक बन कर उस तथाकथित अज्ञानी को सीख देनें लग जाते हैं। कई बार तो सीख की जगह हम सयापा करने लगते हैं। लेकिन कितना अच्छा होता यदि हम भी उसी तरह उस को पेश आते ,जैसा हम चाहते हैं कि कोई हमारे साथ पेश आए। लेकिन नही हम अपनें लिए कुछ और ,और दूसरों के लिए कुछ और होनें का मजा लूटना चाहते हैं। कई बार ऐसा होता है कि सामनें वाला सच भी बोल रहा होता है तो भी हमारा दंभ हमें उसे स्वीकार करनें को तैयार नही होता और हम अपनी फितरत के कारण,उस के पिछवाड़े काटनें से बाज नही आते । अरें भाया! कहीं आप बुरा ना मान जाना। यह सब तो मैं अपनें को समझानें के लिए कह रहा हूँ । लेकिन अगर आप का मन मानें तो आप अपनें को भी समझानें की कोशिश कर सकते हैं।

इस समय किसी का एक दोहा याद आ रहा है-

बुरा जो देखन मैं चला बुरा ना मिलिया कोय।

जो दिल खोजा आपना मुझ-सा बुरा ना कोय॥

Friday, February 29, 2008

कौन रोकेगा?

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जब सूअरो का बाड़ा बड़ा हो जाता है तो सुअर और अधिक गंन्दगी फैलानें लगते हैं।ऐसे में जब तक वह अपनें बाड़े मे रहते हैं किसी को कॊई शिकायत नही होती,लेकिन जैसे ही वह दूसरों के घरों के आगे,कीचड़ से सनें,गंन्दगी फैलाते,मोहल्ले भर में बदबू फैलाते, पसर कर बैठ जाते हैं तो मोहल्ले वालों की शिकायत करनी लाज़मी है।
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बाड़े का मालिक यदि अधिक रसूखदार हुआ तो शिकायत करनें वाले को लेनें के देनें पड़ जाते हैं। आज यही सब कुछ देखनें को मिल रहा है। मालिक भैंस पर बैठा है और उस के सहयोगी भैंस के पिछवाड़े हाथ दे कर उसे तेजी से दोडानें की कोशिश करते रहते हैं,ताकी हवा के कारण उन का झंड़ा लहराता हुआ लगे। वह दूसरें सहयोगी हमी तो हैं। जो पहले उसे सूअर का बाड़ा बड़ा करनें में सहयोग देते हैं और जब वह बाड़ा बड़ा हो जाता है और अपनी हदों को छोड़ कर,दूसरों के घरों के सामनें हगनें और मूतनें लगता है तब हमीं लोग शिकायत करते फिरते हैं कि अब इस बाड़े को इस जगह से हटा लेना चाहिए।
लेकिन यहाँ एक बात सोचनें की है की कोई अपनी जमीन पर एक सुन्दर घर बनाएं या सूअरों का बाड़ा इस में हम कैसे रोक लगा सकते हैं?
आज यही सब कुछ मेरे घर के सामनें हो रहा हूँ लेकिन मैं समझ नही पा रहा हूँ कि क्या करूँ? क्या इस मोहल्ले को छोड़ दूँ? या फिर अपनें घर के चारॊं ओर सुरक्षा का बाड़ा लगा दूँ?
या सभी मोहल्ले वालों से निवेदन करूँ कि इस की शिकायत सभी मिल कर ऊपर वालों से करते हैं? आप ही सुझाइएं क्या करना चाहिए?