Tuesday, July 24, 2007

दोहे ढंढोरची के

3 टिप्पणियाँ

बड़े हुए तो क्या हुए जैसे "बिग बी" हजूर।

देश को कोई फायदा नही,खाते रहे खजूर ॥


बा्पके ना्मको भुना रहे,करे उलटी-पुल्टी फिल्म।

देश का भंटाधार हो,ऐसा बाँटॆ इल्म॥


अजब है लोगो की पंसद,अजब लोगो की सोच।

भ्रष्ट नेता कुर्सी पर सजे,खाएं देश को नोच॥

3 टिप्पणियाँ:

काकेश says:
July 24, 2007 at 4:12:00 PM GMT+5:30

वाह वाह !!
वाह वाह !!

Udan Tashtari says:
July 25, 2007 at 3:12:00 AM GMT+5:30

और दोहे लाओ भाई. अभी तो मूड जमना शुरु हुआ और खत्म. :)

अनूप शुक्ल says:
July 27, 2007 at 7:42:00 AM GMT+5:30

वाह,वाह। और सुनाओ भाई!

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