मर्दो को कौसों नही महिलाओ जी आप ।
केवल करती क्यूँ हैं जुल्मों का ही जाप ।
जुल्मों का ही जाप,अच्छाइ नजर ना आए,
कभी जाएं होटल में जरा पकौड़ी खाएं ।
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अगर खुदा मर्द में औरत के गुण भर दे।
रोते-रोते देंगी अपनी, मर्द के हाथ में पे ।
मर्द के हाथ में पे,हम भी मौंज करेगें,
अपनी मागं मे सिंदूर तुम्हारे नाम भरेगें ।
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अगर मर्द औरत हो जाए होगा बहुत उपकार ।
शीशे सामने बैठ कर दिन भर करें सिगांर ।
दिन भर करें सिगांर,पड़ोसन संग बतियाएगें,
पतियों को कौसेगें अपने गुन गाएंगें ।
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3 टिप्पणियाँ:
August 1, 2007 at 5:10:00 PM GMT+5:30
रब आपकी इच्छा पूरी करे !!!!
August 1, 2007 at 5:35:00 PM GMT+5:30
ये क्य सूझा आपको?
खैर अच्छा ही है
August 1, 2007 at 10:14:00 PM GMT+5:30
:)
वैसे प्रयास करने पर संभव है. विज्ञान बहुत प्रगती कर गया है. हा हा!!
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